यादे कुछ पल की भाग ---- 4
चाह था जिसे इबादत की तरह
मांग था जिसे दुआओ की तरह
पर वो आज हम से मिलते है
अजनबियों की तरह
आँखों मे बसाया जिसे काजल की तरह
जिस्म में महकाया रूह की तरह
आज हम से ही इतराते है !
हम से ही नज़र चुराते है फरेबी की तरह
आलिया खान.....
Ramsewak gupta
12-Nov-2021 03:14 PM
Very good
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Swati chourasia
11-Nov-2021 03:58 PM
Very nice 👌
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Niraj Pandey
11-Nov-2021 10:28 AM
बहुत खूब
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