Aliya khan

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यादे कुछ पल की भाग ---- 4



चाह था जिसे इबादत की तरह

मांग था जिसे दुआओ की तरह

पर वो आज हम से मिलते है

अजनबियों की तरह 


आँखों मे बसाया जिसे काजल की तरह

जिस्म में महकाया रूह की तरह 

आज हम से ही इतराते है ! 

हम से ही नज़र चुराते है फरेबी की तरह 


                                   आलिया खान.....


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3 Comments

Ramsewak gupta

12-Nov-2021 03:14 PM

Very good

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Swati chourasia

11-Nov-2021 03:58 PM

Very nice 👌

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Niraj Pandey

11-Nov-2021 10:28 AM

बहुत खूब

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